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फिर मडराने लगा तमसा नदी में मछलियों के अस्तित्व पर खतरा*

*क्या गत वर्षों के तरीके अपने गन्दे मनसूबों में कामयाब होगे 

 *शासन_प्रशासन के लिए चुनौती*


*मिल प्रशासन हमेशा देता है अपनी सफाई, मिल से नहीं छोड़ा जाता विषैला पानी* 


अम्बेडकरनगर
हर वर्ष अकबरपुर-शहजादपुर के बीच से निकली पौराणिक नदी तमसा में मिझौड़ा स्थित चीनी मिल से भारी मात्रा में जहरीला पानी छोड़े जाने से यह पूरी दूषित हो जाता है। जिससे तमसा नदी जल में रहने वाली मछलियां एवं अन्य जीव जन्तु मरने लगतीं यह बात लोगों द्वारा कहा जा जाता है। यह गन्दा खेल हर वर्ष खेला जाता है तमसा 
नदी के आसपास क्षेत्रों में काफी दुर्गंध उठने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है।
नदियों के संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) तक सरकारों व अधिकारियों को फटकार लगाता रहा है।लेकिन तमसा में चीनी मिल का पानी लगातार आता है यह हम नहीं कहते क्षेत्र की जनता कहती है। 
चीनी मिल के विषैले पानी छोड़ने पर पाबंदी लगाने में जिला प्रशासन फेल हो जाता है। जिनसे मछलियां मर जाती हैं और नदी का पानी पूरी तरह गंदा हो जाता है,
फिर भी इस मामले में गंभीरता से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाई तय नहीं की गई न ही शासन और न ही प्रशासन यह पता लगा सका । आखिर यह विषैला पानी कहां से छोड़ा जाता है। जबकि पूरे वर्ष भर तमसा नदी में विषैला पानी दिखाई नहीं पड़ता और जब चीनी मिल बंद होने के कगार पर होता है तब एकाएक विषैला पानी नदी में कहां से आ जाता है।यह एक रहस्यमयी प्रश्न बना हुआ है, शहजादपुर, तहसील तिराहा से लेकर तमसा नदी का पानी पूर्वी क्षेत्र में जहां तक पहुंच पाता है।नदी के आसपास दुर्गंध फैलने से आमजन के साथ दुकानदारों और ग्रामीण को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।और नदी में रहने वाली छोटी बड़ी सभी मछलियां पानी के ऊपर अपना जीवन बचाने के लिए तैरना शुरू कर देती हैं ।
 जबकि इन विषैले पानी से मरी हुई मछलियां और बेहोश हुई मछलियां खाने के लिए आस पास जनता खाने के लिए पकड़ लेता पर मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता होगा यह चिकित्सक ही बता सकता है।
जब कि गत वर्ष जिला प्रशासन द्वारा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मत्स्य पालन विभाग को पत्र भेजा गया था। यह दोनों विभागों की आख्या पर चीनी मिल के खिलाफ कार्रवाई निर्धारित की गई थी। दोनों विभागों के द्वारा क्या आख्या दी गई और क्या कार्यवाही की गई यह पता नहीं चल सका, 

 *चीनी मिल के अधिकारी अरविन्द सिंह कहना है* 

चीनी मिल के अधिकारी अरविन्द सिंह से संपर्क किया गया तो उन्हों ने बताया कि तमसा नदी में चीनी मिल का पानी नहीं छोड़ा जाता है। मिल में गंदे पानी को शुद्ध करने का प्लांट लगा है। यही बातें हर वर्ष कहा जाता है ‌। यही एक प्रश्न उत्पन्न होता है कि अगर चीनी मिल के प्लांट से विषैला पानी को नहीं छोड़ा जाता, तो यह विषैला पानी इतनी भरी मात्रा में कहां से आता है।
जब चीनी मिल बंद होने के कगार पर होते ही गंदा पानी तमसा नदी में वह भी चीनी मिल से लेकर पूर्वी क्षेत्र अकबरपुर जिधर तमसा नदी के पानी का बहाव है उधर ही दिखाई पड़ता है । अब देखना यह होगा जिला प्रशासन इस मामले को जांच कराकर कोई की जाती या फिर बीते वर्ष के तरीके जांच फाइल धूल फकेंगी। फिलहाल जिलाधिकारी अविनाश सिंह जब से अम्बेडकर नगर का कार्यभार संभाले हुए हैं तब से हर भ्रष्टाचारों पर से पर्दा उठने का काम किए है । गौरतलब है कि जिस तरीके वीडियो में साफ है मोती-मोती पाइपलाइन से पानी आने का वीडियो मीडिया द्वारा बनाया गया इस रहस्यमई जो पर्दा है। इसका खुलासा करना जिला प्रशासन एवं जिला अधिकारी को किसी चुनौती से काम नहीं है क्योंकि इस पर से पर्दा उठाना जल में रहने वाले जीव जंतुओं का जीवन जुड़ा हुआ है यह किसी दुआ से काम नहीं है देखना यह होगा कि इस मामले पर से जिला अधिकारी एवं जिला प्रशासन क्या इस वर्ष भी जल में रहने वाली मछलियों को अपनी जान बचा पाएंगे। या फिर इस विषैला पानी का शिकार हो जाएंगे
 *मीडिया की पड़ताल में* 
चीनी मिल के कैंपस से निकलने वाले मोटी-मोटी पाइप लाइनो का वीडियो भी बनाया गया गंदे पानी के बहाव का स्रोत तो दिखाई पड़ रहा है 
यह जांच का विषय भी है, यह विषैला पानी जिम्मेदार अधिकारियों के लिए किसी चुनौती से काम नहीं है।

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