एक शिक्षक को आदेश के बावजूद परिलाभ नहीं देने पर कोर्ट ने डीएम और बीडीओ के कार्यालय भवन व गाड़ी कुर्की के आदेश दिए हैं.
महेश चंद शर्मा का संघर्ष
भरतपुर:कुम्हेर क्षेत्र के एक शिक्षक को तीन दशक पूर्व फर्जी डिग्री का आरोप लगाते हुए बीडीओ ने बर्खास्त कर दिया था.शिक्षक ने कोर्ट की शरण ली और जीत गया. अब कोर्ट ने परिलाभ नहीं देने के चलते जिला परिषद कार्यालय भवन, डीएम की गाड़ी, बीडीओ कुम्हेर का कार्यालय भवन और गाड़ी कुर्क करने के आदेश दिए हैं.दरअसल, दो साल पहले न्यायालय ने जिला कलेक्टर, जिला परिषद सीईओ और बीडीओ कुम्हेर को आदेश दिए थे कि शिक्षक को तमाम लाभ परिलाभ के 86 लाख रुपये दिए जाएं. लेकिन आदेश की पालना नहीं की गई. इस पर शुक्रवार को न्यायालय ने जिला परिषद कार्यालय भवन, जिला कलेक्टर की गाड़ी और बीडीओ कुम्हेर कार्यालय भवन व उनकी गाड़ी को कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए. कोर्ट अमीन व अधिवक्ता ने पीड़ित के साथ पहुंच कर कुर्की के आदेश चस्पा कर दिए.अधिवक्ता मनीष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित महेश चंद शर्मा ने एसीजेएम प्रथम में इजराय की कार्रवाई की जिस पर एसीजेएम प्रथम के न्यायाधीश अंशुमन सिंह ने भरतपुर जिला परिषद का भवन, बीडीओ कुम्हेर की गाड़ी व भवन और जिला कलेक्टर की गाड़ी को कुर्क करने के आदेश दिए हैं. शुक्रवार को अधिवक्ता और कोर्ट अमीन ने पीड़ित शिक्षक की मौजूदगी में जिला परिषद कार्यालय भवन व अन्य संबंधित भवन व गाडियों पर कुर्की के आदेश/नोटिस चस्पा कर दिए हैं.
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