काशी में गंगा का उफान: बाढ़ के कारण विश्‍वनाथ धाम के तीन गेट बंद, अन्‍य द्वारों से ही मिलेगा प्रवेश

सावन के चतुर्थ सोमवार को देवाधिदेव काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या मेें श्रद्धालु व कांवरिए काशी पहुंचने लगे हैं। शनिवार से ही काशी की सड़कों से लेकर गलियाें तक में श्रद्धालुओं के आवागमन के चलते जाम की स्थिति बनी रही। बाबा दरबार की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर दो किलाेमीटर तक जाम का प्रभाव दोपहर बाद से बनने लगा था।बाढ़ के चलते गंगा द्वार व ध्वस्त मकानों के चलते सरस्वती द्वार व सिल्को गली का फोर-ए द्वार है बंद
लाखों हिमालयीय रुद्राक्ष दानों से होगा बाबा का भव्य श्रृंगार, कर बाबा देंगे भक्तों का दिव्य दर्शन
सभी प्रकार के सुविधा कार्ड रहेंगे निरस्त, शेष तीन द्वारों पर रहेगा श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव
जागरण संवाददाता, वाराणसी। इस बार भक्तों के लिए बाबा दरबार तक पहुंचना अन्य श्रावणी सोमवारों की अपेक्षा सुगम नहीं रहेगा। सावन के चतुर्थ सोमवारों को बाबा के दरबार तक पहुंचने के तीन मार्ग बंद रहेंगे। श्रद्धालु इस बार गंगा द्वार व सिल्को द्वार फोर-ए तथा सरस्वती द्वार से बाबा के गर्भगृह तक नहीं पहुंच सकेंगे, कारण कि तीनों द्वारों को आपद परिस्थितियों के चलते बंद कर दिया गया है।गंगा द्वार बाढ़ के चलते अन्य घाटों से संपर्क टूटने तथा नावों का संचालन बंद होने के कारण बंद कर दिया गया है तो सरस्वती द्वार व फोर-बी द्वार सिल्को गली में जर्जर मकानों के ध्वस्त होने के बाद वहां पड़े मलबे के ढेर के कारण बंद पड़ा है। इसलिए इस बार मैदागिन-गोदौलिया मार्ग पर शेष बचे तीन द्वारों पर ही श्रद्धालुओं की सारी भीड़ का दबाव होगा।
इसके चलते भक्तों को कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ सकता है। चतुर्थ सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार किया जाएगा। रुद्राक्ष दानों से सजे बाबा के अद्भुत स्वरूप के दर्शन को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने