प्रयागराज के झूंसी थाना क्षेत्र के नई झूंसी इलाके में उत्तर की ओर के करीब 99 मकानों व दुकानों में रक्षा मंत्रालय ने बुधवार और बृहस्पतिवार को लाल निशान लगाया। 75 एकड़ में बसे कैंपिंग ग्राउंड की जमीन को भी सेना ने अपनी बताई है। दुकानों और मकानों पर लाल निशान लगने से हाहाकार मच गया। कार्रवाई के दौरान सेना के अफसरों ने बताया कि 17 सितंबर को लोगों को उनके मकान के वैध कागजात के साथ दफ्तर बुलाया गया है।इसके बाद लोगों को दो नोटिस और दी जाएगी। नोटिस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि पूरी जमीन सेना की है, जिस पर लोगों ने कब्जा किया है। रक्षा मंत्रालय ने नई झूंसी इलाके के पूरे सूरदास के जिन 99 मकानों पर निशान लगाया है उसमें नई झूंसी पुलिस चौकी और भारतीय स्टेट बैंक की शाखा भी शामिल है। सेना ने जल्द से जल्द मकान खाली करने का नोटिस जारी किया है।
सेना की है 75 एकड़ भूमि
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यहां की तकरीबन 75 एकड़ जमीन सेना की है। लोगों को मकान खाली करने के लिए पहले नोटिस भी दिया जा चुका है लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि वे लंबे वक्त गृहकर और जलकर भी देते चले आ रहे हैं। बिजली का कनेक्शन भी लिया गया है। लोगों का दावा है कि उनके घर के आगे की जमीन लोक निर्माण विभाग की है। ऐसे में रक्षा मंत्रालय आखिर कैसे उनको बेघर कर ध्वस्तीकरण कर सकता है। बृहस्पतिवार को भी रक्षा संपदा अधिकारी अमित मिश्र और एसडीओ रंजीत कुमार की अगुवाई में 75 एकड़ से ज्यादा भूमि पर बने मकान और दुकानों पर लाल निशान लगाया गया।
इसके बाद लोगों को दो नोटिस और दी जाएगी। नोटिस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि पूरी जमीन सेना की है, जिस पर लोगों ने कब्जा किया है। रक्षा मंत्रालय ने नई झूंसी इलाके के पूरे सूरदास के जिन 99 मकानों पर निशान लगाया है उसमें नई झूंसी पुलिस चौकी और भारतीय स्टेट बैंक की शाखा भी शामिल है। सेना ने जल्द से जल्द मकान खाली करने का नोटिस जारी किया है।
सेना की है 75 एकड़ भूमि
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यहां की तकरीबन 75 एकड़ जमीन सेना की है। लोगों को मकान खाली करने के लिए पहले नोटिस भी दिया जा चुका है लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि वे लंबे वक्त गृहकर और जलकर भी देते चले आ रहे हैं। बिजली का कनेक्शन भी लिया गया है। लोगों का दावा है कि उनके घर के आगे की जमीन लोक निर्माण विभाग की है। ऐसे में रक्षा मंत्रालय आखिर कैसे उनको बेघर कर ध्वस्तीकरण कर सकता है। बृहस्पतिवार को भी रक्षा संपदा अधिकारी अमित मिश्र और एसडीओ रंजीत कुमार की अगुवाई में 75 एकड़ से ज्यादा भूमि पर बने मकान और दुकानों पर लाल निशान लगाया गया।