बबिता तिवारी ने दिया शौकत अली को करारा जवाब, कांवड़ यात्रा पर सवाल आस्था का अपमान

कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति हमारी आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। समुद्र मंथन के समय जब भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए विष पिया, तो उनकी जलन शांत करने के लिए भक्तगण हर साल श्रावण मास में नदियों से जल लाकर उनका जलाभिषेक करते हैं। यह परंपरा हमारी संस्कृति और धर्म का अहम हिस्सा है।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली को शायद इन बातों की जानकारी नहीं या फिर वह जानबूझकर सनातन आस्था को निशाना बना रहे हैं। बिहार चुनाव में महागठबंधन से गठबंधन की कोशिशों में जब उनकी पार्टी को सीट नहीं मिली, तो अब वह सुर्खियों में रहने के लिए कांवड़ यात्रा जैसे मुद्दों पर विवाद खड़ा कर रहे हैं।
 की जनता अब जान चुकी है कि किसकी राजनीति आस्था को बांटने की कोशिश कर रही है। कांवड़ यात्रा पर सवाल उठाना करोड़ों शिवभक्तों की भावनाओं का अपमान है। यह आस्था की नहीं, सस्ती राजनीति की चाल है, जिसे भारत का जनमानस कभी स्वीकार नहीं करेगा

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