स्थानांतरण के लिए अवधि निर्धारण कटआफ डेट 31 मार्च 2025 को माना जाएगा। दायरे में न आने वाले समूह ‘ग’ के कर्मचारियों का पटल जरूर बदला जाएगा। समूह ‘क’ व ‘ख’ की तय सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। समूह ‘ग’ व ‘घ’ 10 प्रतिशत से अधिक होने पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला यथासंभव मेरिट के आधार पर आनलाइन किया जाएगा। समूह ‘ग’ और ‘घ’ का स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था आनलाइन ही की जाएगी। समूह ‘क’ के अधिकारियों का उनके गृह जिले में तबादला नहीं होगा। पूर्णतया दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प के आधार पर देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था वाले स्थान पर किया जाएगा। प्रदेश के आकांक्षी जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच और 100 आकांक्षी विकासखंडों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में सभी पदों पर शत-प्रतिशत तैनाती की जाएगी। दो वर्ष से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानांतरित किया जाएगा।
स्थानांतरण सत्र 15 जून को समाप्त होने के बाद समूह ‘क’ व ‘ख’ के अधिकारियों का विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर तबादले किए जा सकेंगे। स्थानांतरित होने वालों को एक सप्ताह के अंदर प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बिना नए स्थान के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा। इसके बाद स्वत: कार्यमुक्त माने जाएंगे। स्थानांतरण नीति में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।