मौनी अमावस्या तिथि पर 144 वर्ष बाद बन रहा समुद्र मंथन जैसा योग, 8 फरवरी तक मिलेगा अमृत स्नान का पुण्य लाभ

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के दिन विशिष्ट त्रिवेणी संयोग बन रहा है। यह योग समुद्र मंथन के योग के समान है। ऐसे में 29 जनवरी से 8 फरवरी प्रातः तक सनातन धर्म के महापर्व महाकुम्भ के सबसे प्रमुख पर्व मौनी अमावस्या का अमृत स्नान 29 जनवरी 2025,दिन बुधवार को आयोजित होगा। ज्योतिषशास्त्रियों की काल गणना के अनुसार इस वर्ष मौनी अमावस्या कि तिथि पर 144 वर्षों बाद अद्भुत त्रिवेणी योग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्रियों का कहना है कि ये योग समुद्र मंथन के योग के समान है, इस योग में पवित्र त्रिवेणी में स्नान करने से सहस्त्र वाजपेय यज्ञ और सौ अश्वमेध यज्ञ के सामान पुण्य प्राप्त होता है। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार, यह समुद्र मंथन तुल्य योग 28 जनवरी दिन मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर 8 फरवरी को सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस योग में स्नान करने पर अमृत स्नान का पुण्य के फलों की प्राप्ति होगी। शास्त्रों और पुराणों में वर्णन है कि महाकुम्भ में मौनी अमावस्या तिथि पर पवित्र संगम में स्नान करना मोक्षदायक माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रद्धालु किसी विशेष योग और नक्षत्र के बजाए सुविधा के साथ किसी भी घाट पर स्नान करें, उन्हें संगम स्नान जैसे ही पुण्य फल की प्राप्ति होगी।

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