रजिस्ट्री के कागज लेकर पंतनगर में सड़कों पर उतरी महिलाएं
कुकरैल रिवरफ्रंट विकसित करने के लिए कुकरैल नदी के किनारे बस अकबर नगर को ध्वस्त करने के बाद अधिकारियों ने पंतनगर समेत अन्य इलाकों का सर्वे शुरू कर दिया है। गुरुवार को सर्वे का विरोध करते हुए पंत नगर की सैकड़ों महिलाएं हाथ में रजिस्ट्री के कागज, बिजली बिल और हाउस टैक्स की रसीद लेकर सड़कों पर उतर गई। इस दौरान महिलाओं ने सरकारी कार्रवाई के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
गुरुवार को शिल्पी, पूजा, रीमा, रानी समेत प्रदर्शन में शामिल तमाम महिलाओं ने न्यूज़ट्रैक से बातचीत में अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हम लोग बीते कई दशकों से यहां रह रहे हैं। हमारे पास मकानों की वैध रजिस्ट्री, दाखिल खारिज है। खतौनी पर भी नाम चढ़े हैं। यहां के परिवार नियमित रूप से गृह कर, जलकर और बिजली का बिल भी दे रहे हैं जिनकी रसीदें हमारे पास हैं। अब अधिकारी यहां आकर मकानों को तोड़ने के लिए उनमें लाल निशान लगा गए हैं। अब हमें अवैध बताया जा रहा है। जब हमारे पास सारे पेपर हैं तो हमें अवैध क्यों कहा जा रहा है और आखिर क्यों हमारे घरों को तोड़ने की तैयारी की जा रही है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि हमारी मांग यही है कि मकानों को न तोड़ा जाए। अगर ऐसा होता है तो हम लोग कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
लोगों की नाराजगी के बावजूद टीम ने बुधवार को किया था सर्वे
बुधवार को सिंचाई विभाग, पीएसी और एलडीए के अतिक्रमण विरोधी दस्ते के साथ संयुक्त टीम ने रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ नगर, पंत नगर, अबरार नगर इलाकों में ध्वस्तीकरण के लिए मकानों में जीपीएस सर्वे के आधार पर मार्किंग की थी। इस बीच लोगों ने नाराजगी जताते हुए टीम का विरोध किया था। फोर्स ज्यादा होने के कारण लोगों का विरोध टिक नहीं सका और टीम मकानों में निशान लगाकर चली गई थी। इसके बाद गुरुवार को लोग इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं।
तोड़े जाने हैं करीब 1000 से अधिक मकान
कुकरैल नदी के किनारे उक्त बस्तियों में बने करीब 1000 मकानों पर बुलडोजर एक्शन की तैयारी है। इनमें कई अपार्टमेंट भी शामिल हैं। इतने बड़े ध्वस्तीकरण से तकरीबन 20000 से अधिक लोगों के बेघर होने की आशंका जताई जा रही है। इन घरों को तोड़कर सरकार यहां कुकरैल रिवरफ्रंट विकसित करने की योजना बना रही है। जिसमें वन संरक्षण से लेकर तमाम अन्य कार्य किए जाएंगे।
संघर्ष समिति का हुआ गठन, लामबंद हुई जनता
ध्वस्तीकरण के विरोध में स्थानीय लोगों ने ट्रांस गोमती संघर्ष समिति का गठन किया है। बुधवार को इसके बैनर तले मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने एक तरफ से इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। आगामी रविवार को भी सरकारी कार्रवाई के खिलाफ बड़ी बैठक का ऐलान किया गया है। जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्थानीय लोग अब कोर्ट जाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
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